शिक्षा विभाग में एक अजीबोगरीब मामला देखने को मिला है। एक निजी स्कूल की मान्यता कक्षा आठ तक होने के बाद भी कक्षा 9 और दस के छात्र-छात्राओं को पढाया जा रहा है। प्रकरण सामने आते ही सीईओ ने जांच बैठा दी है।
शिक्षा अधिकारी का कहना है कि उनके संज्ञान में आया है कि संबंधित स्कूल की मान्यता भी रिनिवल नही है। इसकी भी जांच कराई जा रही है।
सोमवार से गृह वार्षिक परीक्षा शुरू होनी है। बच्चों की पूरी फीस जमा होने के बाद भी कई स्कूल द्वारा एडमिट कार्ड तक नही दिए जा रहे है। अभिभावक और बच्चे मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय रोशनाबाद एक स्कूल की शिकायत लेकर पंहुचे थे। मुख्य शिक्षा अधिकारी भी मामले को सुनकर आश्चर्यचकित रह गए। सीईओ ने उपखंड शिक्षा अधिकारी डिप्टी यादव को जांच सौंपी है। बच्चों का भविष्य देखते हुए तत्काल संबंधित स्कूल से बच्चों के एडमिट कार्ड दिलाने के निर्देश दिए हैं।
अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे रोशनाबाद के एक निजी स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। लेकिन उनका मूल स्कूल रुड़की है। इस स्कूल को रुड़की से सम्बद्ध किया हुआ है। जो गलत है। इसकी जानकरी उन्हें आज ही मिली है। जब इस संबंध में स्कूल के प्रबंधक से जानकारी मांगी गई, तो वह उनके ऊपर आग बबूला हो गया। यहा तक अभद्रता भी की गई। आरोप है कि जिस स्कूल से उनको संबद्ध किया गया है। उसने सभी बच्चों को एडमिट कार्ड जारी कर दिए है। लेकिन उनको कार्ड नही दिए गए हैं। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल में सीबीएसई और उत्तराखंड बोर्ड के बच्चों को एक साथ पढ़ा रहे है। इससे बच्चों का भविष्य भी अंधकार में जा रहा है।
छात्र-छात्राओं के भविष्य से किसी को खिलवाड़ नही करने दिया जाएगा। चुकी मामला गंभीर है। रविवार की छुट्टी है। इसलिए संबंधित उपशिक्षा अधिकारी को तत्काल कार्यवाही करने के आदेश दिए गए है। दो अन्य मामले भी इसी तरह से मिले है। परीक्षा के उपरांत जनपद के प्रत्येक स्कूल की जांच कराई जाएगी। जो स्कूल इस तरह बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करता पाया गया। उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही तो की जाएगी। पुलिस में एफआईआर तक दर्ज कराई जाएगी।
कमलेश कुमार गुप्ता मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार