उत्तराखंड के मास्टर प्लान क्षेत्रों के आवासीय भवनों का नक्शा अब आर्किटेक्ट के स्तर से ही मंजूर हो जाएगा। लोगों को नक्शा पास कराने के लिए अब प्राधिकरण नहीं जाना होगा। प्राधिकरण सिर्फ लैंड यूज और शुल्क की जांच करेगा आवास विभाग के प्रस्ताव के अनुसार आवासीय भवन का नक्शा आर्किटेक्ट को तय बिल्डिंग बॉयलॉज के तहत बनाना होगा। जिसकी स्क्रूटनी प्राधिकरण ऑनलाइन माध्यम से करेंगे। इससे आवासीय नक्शा मंजूर करने में प्राधिकरण के इंजीनियरों का हस्तक्षेप काफी कम हो जाएगा। अब आवासीय भवन के निर्माण के लिए किसी भी पंजीकृत आर्किटेक्ट से नक्शा मंजूर कराया जा सकता है। जाएगा। हिन्दुस्तान ने लिखा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। सचिवालय मीडिया सेंटर में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने बताया कि कैबिनेट ने मास्टर प्लान क्षेत्रों में नक्शे पास करने का अधिकार आर्किटेक्ट को दे दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तक आवासीय भवनों का नक्शा पास करने का अधिकार प्राधिकरणों के पास था। जिसमें लम्बी प्रक्रिया की वजह से काफी समय लग रहा था। इस समस्या को देखते हुए आवास विभाग की ओर से नया प्रस्ताव तैयार किया गया। हिन्दुस्तान ने लिखा है कि राज्य के मास्टर प्लान क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों का नक्शा पास कराने के लिए पहले ही सेल्फ सर्टिफिकेशन प्रणाली लागू की जा चुकी है। इसके बाद अब कैबिनेट ने यह सुविधा आवासीय भवनों के लिए भी मंजूर कर दी है। मुख्य सचिव ने कहा कि नई व्यवस्था से आम लोगों को लाभ होगा। भवन का नक्शा पास करना पूरी तरह आर्किटेक्ट की जिम्मेदारी होगी। प्राधिकरण के इंजीनियर सिर्फ नक्शे के मामले में लैंड यूज, जमीन का स्वामित्व और नक्शे के अनुसार शुल्क की ही जांच करेंगे।
नक्शे के विपरीत निर्माण पर भू स्वामी जिम्मेदार
हिन्दुस्तान ने लिखा है कि आवास विभाग ने पूर्व में भी सेल्फ सर्टिफिकेशन प्रणाली लागू करने की घोषणा की थी। लेकिन इसमें नियम विरुद्ध हुए निर्माण के लिए आर्किटेक्ट को जिम्मेदार बनाया गया था। इससे आर्किटेक्ट सहमत नहीं थे। आवास विभाग के प्रस्ताव में अब आर्किटेक्ट के बजाय नक्शे के विपरीत निर्माण के लिए भवन स्वामी को ही जिम्मेदार माना जाएगा।