हरिद्वार। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) कर्ज वितरण में तेजी से बढ़ रही हैं। कुल कर्ज में गोल्ड लोन की हिस्सेदारी 12.6% और ऑटो लोन की 34.9% पहुंच गई है। हालांकि, ग्राहकों की शिकायतें भी बढ़ी हैं, खासकर ऋण वितरण की अनियमितताओं को लेकर। वित्तीय वर्ष 2024-25 में आरबीआई लोकपाल को 2.96 लाख शिकायतें मिलीं, जिनमें NBFC के खिलाफ अधिकांश थीं।
गोल्ड लोन में रिकॉर्ड 122% वृद्धि
NBFC द्वारा गोल्ड लोन में जुलाई 2025 तक 122% की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष 44% थी। जुलाई 2024 में 1,32,535 करोड़ रुपये का कर्ज बांटा गया था, जो अब 2,94,166 करोड़ रुपये हो गया। 2023-2024 में 30% से अधिक वृद्धि हुई। ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में दोहरे अंक की वृद्धि देखी गई, जहां लोग त्वरित नकदी के लिए सोना गिरवी रख रहे हैं। यह तरीका समय बचाता है और कागजी कार्रवाई कम करता है।
ऑटो लोन में 20.9% उछाल
वाहन कर्ज में पिछले एक वर्ष में 20.9% की वृद्धि हुई। आंकड़ा 4,28,654 करोड़ से बढ़कर 5,18,408 करोड़ रुपये पहुंच गया। NBFC इस क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभा रही हैं, जो उद्योग और खुदरा सेक्टर को आसान ऋण प्रदान कर रही हैं।
एजुकेशन लोन: 58.4% की रिकॉर्ड बढ़ोतरी
एजुकेशन लोन में 58.4% की वृद्धि दर्ज की गई, जो 39,500 करोड़ से बढ़कर 62,572 करोड़ रुपये हो गया। यह छात्रों की बढ़ती जरूरतों को दर्शाता है।
होम लोन और शिकायतें: अनियमितताओं पर सवाल
होम लोन में NBFC द्वारा संपत्ति जांच में लापरवाही की शिकायतें आईं। उदाहरण के तौर पर, संपत्ति पर पहले से कब्जा या ऋण होने के बावजूद कर्ज जारी किया गया। शिकायतों में उच्च ब्याज दर और ऋण कटौती से इनकार शामिल हैं।
आरबीआई ने माना कि NBFC की वृद्धि पारंपरिक बैंकिंग से अधिक है, जो दोहरे अंकों में बनी हुई है। लेकिन बढ़ती शिकायतें नियमन की जरूरत दर्शाती हैं।