हरिद्वार। निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबन्धन केन्द्र (यूएलएमएमसी) शान्तनू सरकार ने बताया कि इस भूस्खलन से मनसादेवी मन्दिर तथा आसपास के क्षेत्र को कोई खतरा नहीं है। तथा आज के स्थलीय निरीक्षण की रिपोर्ट यथाशीघ्र दी जाएगी। उसी के अनुसार मनसादेवी पहाड़ी व आसपास के क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन की रोकथाम के सम्बन्ध में उचित कदम उठाये जाएंगे। निदेशक बुधवार को धीमी बारिश के बीच पूरे भूस्खलन वाले क्षेत्रों का वैज्ञानिकों एंव अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया।
टीम सर्वप्रथम ब्रह्मपुरी गेट के पास पहुंची, जहां से मनसा देवी पहाड़ी को जगह-जगह से हुये भूस्खलन, मंशादेवी पैदल मार्ग से टीम व्यू प्वाइण्ट पर पहुंची और पूरी पहाड़ी का जायजा लिया। जैसे ही आगे बढ़े तो एक जगह पर काफी भूस्खलन हुआ था, भूस्खलन के कारणों की पड़ताल की गई।
स्थलीय निरीक्षण के दौरान विशेषज्ञ टीम को अधिकारियों ने हनुमान मन्दिर के पास तथा अन्य तीन-चार बैण्डों में भूस्खलन तथा भूस्खलन रोकने के लिए जानकारी दी गई। यहां से विशेषज्ञों की टीम अपर रोड स्थित भूरे की खोल तथा विष्णु मार्केट में आ रहे बार-बार मलबे का भी स्थलीय निरीक्षण किया। तत्पश्चात वे मां मंशादेवी मन्दिर पहुंचे, जहां से उन्होंने पूरी मंशा देवी पहाड़ी के चारों तरफ का जायजा लिया। विशेषज्ञ टीम ने रेलव ट्रैक, पैदल मार्ग जहां-जहां पर धंसाव हो रहा था। हर एक जगह स्थलीय निरीक्षण किया। स्थलीय निरीक्षण के दौरान विशेषज्ञों की एक टीम, जिसमें यूएसडीएमए जीआईएस एक्सपर्ट डाॅ.रोहित कुमार, यूएसडीएमए भूवैज्ञानिक डाॅ.टन्ड्रिला सरकार, और एसडीएम पूरण सिंह राणा, अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण सुरेश तोमर, राजाजी नेशनल पार्क के अधिकारी रविन्द्र पुण्डीर, आपदा प्रबन्धन अधिकारी मीरा केन्थुरा, राजस्व, लोक निर्माण, राजाजी पार्क के अधिकारियों सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।