आने वाले नए वर्ष पर सिडकुल के उधमियों को सरकार से बड़े पैमाने पर उद्योगों की स्थापना करने की आस है। कोरोना काल के बाद सिडकुल में उधोग बंद तो हुए हैं। लेकिन नए उधोग स्थापित नही हुए हैं। सिडकुल मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग ने कहा कि उत्तराखंड में उद्योग लगाने के लिए उधमी तैयार बैठे हैं। ऑल ओवर इंडस्ट्री अपने उद्योग स्थापित करने के फेवर में है, और वह अपने उद्योग लगाने के लिए भी कई बार प्रस्ताव भी एसोसिएशन को दे चुकी हैं। अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग ने कहा कि सरकार उद्योगों के लिए जमीन मुहैया कराएं, उद्योग लगाने का वातावरण प्रदेश में ठीक है। भूमि के साथ-साथ मैप का अप्रूवल भी जरूरी है। इंडस्ट्री के मैप ऑफ रोल की अथॉरिटी केवल सिडकुल और सीड़ा के पास ही होनी चाहिए।उधमियों का कहना है कि सरकार उधोगों को स्थापित करती है तो हरिद्वार ही नही बल्कि उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार का पिटारा खुल जाएगा। और सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व भी मिलेगा। उधर उधमियों ने खास तौर पर फार्मास्यूटिकल, कॉस्मेटिक, इलेक्ट्रिकल और फूड आदि कोर एरिया को सरकार से आगे बढाने की आवश्यकता बताया है। क्योंकि यह उधोग कोविड-19 में भी उत्पादन करते है। इंडस्ट्रीज विकसित होगी तो हरिद्वार में चहुमुखी विकास देखने को मिलेगा। सरकार को सैकड़ो उधोगों से करोड़ों रुपए राजस्व भी मिलेगा। इसलिए उधमी नए वर्ष में उधोगों की स्थापना करने की मांग कर रहे हैं। गिरधर सिंह रावत क्षेत्रीय प्रबंधक सिडकुल सिडकुल में 91 एक्कड़ भूमि स्वीकृत है। इसमें लगभग 45 एक्कड़ भूमि इंफास्टक्चर में प्रयोग होगी। इसमे नाली, सड़क और ग्रीन बेल्ट आदि कार्य होना है। लगभग साढ़े सात करोड़ रुपए से सिडकुल फेज टू को जोड़ने वाला ब्रिज और अप्रोच रोड भी बनकर तैयार हो चुका है। चुकी भूूमि से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। जैसे प्रकरण में कोई फैसला आता है। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
सिडकुल फार्मास्यूटिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि सिडकुल में सिडकुल फेस टू के नाम से 91 एकड़ भूमि का प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। अगर यह प्रकरण सिडकुल के फेवर में आता है। तो यहां पर बड़े पैमाने पर इंडस्ट्रीज लग सकती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगों को स्थापित करने के लिए लैंड की व्यवस्था करें।
(सेवा) अध्यक्ष हिमेश कपूर नेे कहा कोई उद्योगपति अपनी निजी जमीन लेकर लैंड यूज चेंज कराना चाहता है। उसमें एक नीति बनाई गई थी। जिसके अधिकार जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी को दिए गए थे। वह भी बंद है। इस संबंध में शासन को एक पत्र उधमियों की ओर से भेजा जाएगा। इसमें मांग की जाएगी कि डीएम और एसडीएम को लैंड यूज चेंज करने के आदेश दिया जाए। क्योंकि राज्य स्तर से लेंड यूज चेंज करने की घोषणा हो गई थी। लेकिन धरातल पर नहीं उतार पाई है। उद्योगपति अपनी निजी जमीन लेकर एसटीपी प्लांट आदि उद्योग में लगाकर सिडकुल के नियम पूरे कर कर उद्योग स्थापित करना चाहता है। तो उसको जिलाधिकारी स्तर से छूट दी जाए क्योंकि सिडकुल के पास उद्योग स्थापित करने के लिए भूमि नहीं है।