दिन प्रतिदिन तूल पकड़ता जा रहे बेलड़ा प्रकरण में कल बुधवार को दिल्ली से आए राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हालदार ने गांव बेलड़ा का दौरा किया। उन्होंने घटना स्थल का निरीक्षण कर मृतक पंकज के घर पहुंचकर वृद्ध माता पिता से मुलाकात की तथा पत्नी और छोटे बच्चों को ढाढस बंधाया। उन्होंने मृतक के परिजनों से हर बिंदु पर जानकारी प्राप्त की। ऑन द स्पॉट डीएम और डीजीपी को न पाकर उन्होंने असंतोष जाहिर किया।
रुड़की सभागार पहुंचकर उन्होंने सबसे पहले डीजीपी को ही तलब किया लेकिन उनके न होने से उन्होंने 1 घंटे का अधिकारियों को समय दिया। इस बीच उन्होंने सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि व भाजपा एससी मोर्चे के पदाधिकारियों से सभागार में विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने विश्वास दिलाया कि उन्होंने घटना की जानकारी ली है तथा वे भी दलित समाज के ऊपर हुई अत्याचार से खिन्न हैं।।
डीएम हरिद्वार के रुड़की सभागार पहुंचते ही उन्होंने अधिकारियों से 1 घंटे बंद कमरे में वार्ता की। इस बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए डीजीपी उत्तराखंड ने भी आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हालदार को विस्तृत जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए जानकारी दी कि पुलिस ने इस मामले में पंकज की मौत को संदिग्ध मानते हुए मुकदमा 304 से 302 में परिवर्तित करने की बात मान ली है। इसके साथ ही पूरे मामले की सीबीसीआईडी जांच के आदेश भी दिए हैं। उन्होंने एससीएसटी एक्ट में दर्ज मुकदमे में भी पुलिस को जल्द गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं।
इस मौके पर आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हालदार के साथ वार्ता में डीएम हरिद्वार, एसएसपी हरिद्वार, मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की, एसपीआरए हरिद्वार, सीओ मंगलौर, सीओ रुड़की, जिला सूचना अधिकारी के साथ पुलिस के अन्य आला अधिकारी भी उपस्थित थे।