हरिद्वार। भगवानपुर के रायपुर क्षेत्र में मंगलवार को एक दुखद घटना ने सभी को झकझोर दिया। अवैध रूप से संचालित एक क्लीनिक में प्रसव के दौरान किरण (पत्नी पंकज, निवासी धौलाघाट, अल्मोड़ा) और उनकी नवजात संतान की मौत हो गई। यह किरण की पहली संतान थी। परिजनों के अनुसार, किरण को प्रसव के लिए रायपुर लाया गया था, जहां अनीस नामक व्यक्ति की किराए की दुकान में बिना लाइसेंस और योग्य डॉक्टर के नर्सों द्वारा डिलीवरी कराई जा रही थी।
10×15 फीट की छोटी सी दुकान में काला शीशा लगाकर यह अवैध क्लीनिक संचालित था। न तो वहां कोई बोर्ड था, न ही डॉक्टर का नाम। परिजनों का आरोप है कि किरण को सिर्फ दर्द की शिकायत दिखाने लाया गया था, लेकिन नर्सों ने जबरन डिलीवरी करने का दबाव बनाया। लापरवाही के कारण मां और बच्चे दोनों की जान चली गई। घटना के बाद क्लीनिक संचालिका और नर्स मौके से फरार हो गईं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि भगवानपुर क्षेत्र में कई झोलाछाप डॉक्टर बिना रोक-टोक अवैध क्लीनिक चला रहे हैं। आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से इनसे मासिक वसूली होती है, जिसके चलते कोई कार्रवाई नहीं होती। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
मृतका के पति पंकज और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उधर, हरिद्वार के सीएमओ आरके सिंह ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है। इस घटना ने अवैध क्लीनिकों पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को उजागर किया है।
झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत, स्वास्थ्य विभाग पर सवाल,(हरिद्वार)-दीपक मौर्य-
