जनपद के प्राथमिक विद्यालय और मदरसों में छात्र-छात्राओं की संख्या में भिन्नता अपर राज्य निदेशक नाराज, जांच बैठाई (हरिद्वार) –डॉ.संजय भारती–

जनपद के प्राथमिक विद्यालय और मदरसों में छात्र-छात्राओं की संख्या में भिन्नता मिली है। अनुमान जताया है कि दस हजार से अधिक बच्चों की संख्या दोगुनी हो सकती है। अपर राज्य निदेशक समग्र शिक्षा डॉ.मुकुल कुमार सती ने इस प्रकरण को गंभीर बताया है। तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) को आगामी माह के पहले सप्ताह हर हाल में छात्र-छात्राओं का डाटा विभागीय पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। डॉ.सती ने कहा कि दोहरे नामांकन पर अधिनिस्त अधिकारियों की लापरवाही है। यही कारण है कि बच्चों को विभाग से मिलने वाली सुविधाओं के दोहरे लाभ प्राप्त होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

उधर जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक आशुतोष भंडारी ने जनपद के समस्त उप शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर प्राथमिक विद्यालयों और मदरसों में दौहरे नामांकन की जांच रिपोर्ट कार्यालय एंव विभागीय पोर्टल पर अपलोड करने को कहा है। कोताही बरतने पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ.मुकुल कुमार सती ने बीती 11 मई को जनपद के विद्यालयों का निरीक्षण किया था। उसके बाद रोशनाबाद कार्यालय में समीक्षा बैठक के दौरान ही प्राथमिक विद्यालय और मदरसों में छात्रों की संख्या में बड़ी भिन्नता सामने आई थी। निरीक्षण में विद्यालयों में अलग से सब्जी बनते हुए नहीं मिली थी। जबकि विद्यालय में अलग से सब्जी बनाई जाती है। पीएम पोषण का मासिक डाटा समय से नहीं भरा जा रहा है।

डॉ.सती ने बताया कि एक-एक छात्र की संख्या युडाइस पोर्टल पर अपलोड की गई है। तो छात्र रजिस्ट्री में बच्चों की संख्या कम होने लगी है। कहा कि कई स्कूल ऐसे है, जो स्कूल है वो मदरसे में भी पंजीकृत है। डबल नामांकन कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा। अवकाश खत्म होने के बाद इसमें अभियान चलाया जाएगा। कहा-कहा डबल बच्चे है। अगर इसमें झोल पाया जाता है। तो संबंधित स्कूल-मदरसे में दी जा रही सरकारी सुविधाओं को बंद तो किया ही जाएगा। उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी।

जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) आशुतोष भंडारी ने कहा कि पीएम पोषण भारत सरकार की ध्वजवाहक योजनाओं में से एक है। जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों से संचालित होती हैं। जिसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता होने पर संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के सख्त निर्देश हैं।

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