राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष ने इस मामले में महत्वपूर्ण ठोस कदम उठाए । उन्होंने जानकारी दी कि मृतक पंकज की हत्या के बाद उसकी विधवा पत्नी को सरकारी नौकरी मिलेगी। तथा उसके दोनो अनाथ बच्चों की परवरिश और 12वीं तक की शिक्षा का पूरा खर्च उत्तराखंड सरकार उठाएगी। आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि हालांकि सरकार से आर्थिक मदद में देरी हुई है लेकिन फिर भी सरकार इस मामले में गंभीर है और मृतक के परिजनों को पूरी सहायता देने के लिए तैयार है।
आयोग ने इस मामले में ये भी कहा कि उन्होंने जांच के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं और जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही होगी। आयोग ने इस बात को भी स्वीकार किया कि वर्तमान अधिकारियो से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती है। उन्होंने सामाजिक संगठनों द्वारा दिखाई गई वीडियो में एक एसएसआई, एक इंस्पेक्टर और एक सीओ के व्यवहार की कड़ी निन्दा की और जांच कर कार्यवाही कराने की बात कही। उन्होंने योगेश पर 25 हजार के इनाम वाली बात पर भी कहा कि वे पक्ष और विपक्ष दोनो पक्षों की कॉल डिटेल व लोकेशन अधिकारियों से मांग रहे हैं तथा पूरी जानकारी आने के बाद ही कोई निर्णय लेंगे। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में एक इंस्पेक्टर की पिटाई की वीडियो के बारे में पूछने पर कहा कि उन्होंने कहा है कि सीबीसीआईडी जांच कराएंगे। जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही होगी।
राष्ट्रीय आयोग के उपाध्यक्ष से वार्ता के समय मुख्य रूप से भाजपा एससी मोर्चे के प्रदेश मंत्री जगजीवन राम, मोदीमाल तेगवाल, पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल, अंतर्राष्ट्रीय विश्व दलित परिषद के अध्यक्ष भूपेंद्र पाल सिंह चमार, विजय पाल सिंह, किशोर पाल सिंह, नरेंद्र कुमार, रोहित कुमार, राजदीप मैनवाल, ब्रजेश कुमार, मित्रपाल, सीताराम अंबेडकर, एडवोकेट मांगेराम, तेजपाल मौर्य आदि उपस्थित थे।।