श्यामपुर कांगड़ी क्षेत्र के कई गांवों में गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने से बाढ़ आने की अचानक सूचना पर वृहद स्तर पर माॅक ड्रिल किया गया।
माॅक ड्रिल के अन्तर्गत मौसम विभाग ने पूर्व में ही भारी वर्षा होने के कारण विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ व जल भराव की स्थिति पैदा होने की चेतावनी दी थी। जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एनएसएस स्वयं सेवक, आपदा मित्रों तथा पूरे सिस्टम को एलर्ट मोड में रखा गया था। माॅक ड्रिल के अन्तर्गत आज अचानक भारी वर्षा होने से आपदा प्रबन्धन कण्ट्रोल रूम को 12 बजकर 35 मिनट पर सूचना मिली कि हरिद्वार तहसील के अन्तर्गत श्यामपुर कांगड़ी क्षेत्र में भारी बाढ़ आ गयी है। इस सूचना को तुरन्त आपदा प्रबन्धन विभाग ने जिलाधिकारी/रिस्पांश अधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, प्लान सेक्सन, ईओसी कमाण्ड, एनडीआरएफ, एनएसएस स्वयं सेवक, आपदा मित्रों को देने के साथ ही वायरलेस के माध्यम से सभी जगह प्रसारित कराया तथा देखते-देखते हुटर की आवाज चारों तरफ गूंजने लगी एवं सड़कों पर प्रचार वाहन के माध्यम से प्रसारित किया जाने लगा कि श्यामपुर कांगड़ी क्षेत्र में बाढ़ आ गयी है। सभी क्षेत्रवासियों से अपील की जाने लगी। बिना घबड़ाये सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जायें।
जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह तथा सम्बन्धित अधिकारी सूचना प्राप्त होते ही तुरन्त आपदा प्रबन्धन कार्यालय में बनाये गये आनलाइन कांफ्रेंस रूम में पहुंचे, जहां से बाढ़ग्रस्त क्षेत्र को आॅन लाइन जोड़ते हुये घटना स्थल की पूरी जानकारी ली गयी।
कण्ट्रोल रूम को श्यामपुर कांगड़ी क्षेत्र में दो मकान क्षतिग्रस्त हुये हैं, लगभग 12 लोग घायल हुये तथा दो व्यक्ति लापता हुये हैं। इस पर जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय के निर्देश पर तत्काल दो जेसीबी तुरन्त रवाना की जाये तथा बेल्चा, फाउड़ा आदि की व्यवस्था की गई। मेडिकल टीम तथा दवाओं की व्यवस्थाओं सहित चार एम्बुलेंस भेजकर मेडिकल कैम्प चलाया गया। मेडिकल टीम पहुंचने तक जो भी घायल हैं, उन्हें निकट के सीएचसी में भर्ती कराया जाये। डीएम ने निर्देश पर क्षतिग्रस्त मकान का मलबा हटाया गया तथा अच्छी तरह से खोजबीन की गई।
एसडीएम हरिद्वार पूरण सिंह राणा ने जानकारी दी कि लापता लोगों को खोज लिया गया लेकिन डाॅक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर है। जेसीबी व मेडिकल टीम तथा एनडीआरएफ, एनएसएस, आपदा मित्र सभी ने घटना स्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य प्रारम्भ कर दिया है।
जिलाधिकारी ने डीएसओ को निर्देश दिये कि जो लोग बाढ़ में फंसे हैं, उनके लिये 400 पैकेट भोजन तथा 400 पानी की बोतलों की तुरन्त व्यवस्था की जाये तथा इनको वहां पहुंचाने की व्यवस्था परिवहन विभाग द्वारा की जायेगी तथा जल संस्थान को निर्देश दिये कि वहां पानी का टैंकर तुरन्त पहुंचाया जाये ताकि पानी आदि की कोई भी दिक्कत नहीं होनी चाहिये तथा विद्युत विभाग के अधिकारियेां को निर्देशित किया कि एक वहां उच्च क्षमता का जनरेटर तुरन्त भिजवाया जाये। उन्होंने ये भी निर्देश दिये कि लक्सर क्षेत्र के जल भराव वाले क्षेत्रों को भी अलर्ट कर दिया जाये। इस पर बताया गया कि लक्सर क्षेत्र के निवासियों को बाढ़ की सूचना से अलर्ट कर दिया गया है तथा टिहरी डैम प्रबन्धन को भी अभी पानी न छोड़ने के लिये सूचित कर दिया गया है तथा कण्ट्रोल रूम से पूरी परिस्थितियों पर नजर रखी जा रही है।
माॅक ड्रिल के पश्चात डी ब्रीफिंग की गयी, जिसमें माॅक ड्रिल के पश्चात सभी ने अपने-अपने अनुभव साझा किये। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, इंसीडेंट रिस्पांश सिस्टम विशेषज्ञ बीबी गणनायक, एनडीआरएफ 15वीं वाहिनी के कमाण्डेंट सुदेश कुमार आदि ने माॅक ड्रिल में अधिकारियों, एनडीआरएफ की तीनों टीमों, एनएसएस, आपदा मित्रों स्टेजिंग एरिया, इंसीडेंट साइट आदि में प्रभावी रिस्पांश देने के लिये बधाई दी तथा सभी का उत्साहवर्द्धन किया।
माॅक ड्रिल के मौके पर अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल, अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) पीएल शाह, सिटी मजिस्ट्रेट वृजेश तिवारी, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण विक्रम सिंह, डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह, बाल विकास परियोजना अधिकारी सुलेखा सहगल, सहायक परियोजना निदेशक नलिनीत घिल्डियाल, आपदा प्रबन्धन अधिकारी मीरा रावत,एनएसएस स्वयं सेवक, आपदा मित्र सहित सम्बन्धित अधिकारी एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।