हरिद्वार। बहादराबाद के अत्मलपुर बोंगला में एक निजी अस्पताल की लापरवाही ने दो परिवारों को असहनीय दर्द दिया। रविवार रात डिलीवरी के बाद इलाज के दौरान दो युवा महिलाओं, खुशबू (23 वर्ष, पत्नी मोंटी, छोटी नारसन) और मीनाक्षी (24 वर्ष, पत्नी नीतू, ननौता, सहारनपुर) की मौत हो गई। इस दुखद घटना ने परिजनों को सदमे में डुबो दिया, जिनका रो-रोकर बुरा हाल है।
जानकारी के मुताबिक, दोनों महिलाओं को शनिवार को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार सुबह एक गर्भवती महिला डॉक्टर ने दोनों का ऑपरेशन किया और फिर अस्पताल छोड़कर चली गईं। इसके बाद कोई अनुभवी चिकित्सक मौजूद नहीं था। मरीजों की देखरेख केवल नर्सिंग स्टाफ के भरोसे थी। रविवार शाम अचानक दोनों महिलाओं की तबीयत बिगड़ी, लेकिन समय पर इलाज न मिलने से उनकी जान चली गई। परिजनों का कहना है कि अगर डॉक्टर मौजूद होते और तुरंत इलाज मिलता, तो उनकी जान बच सकती थी।
इस हृदयविदारक घटना से आहत परिजनों का गुस्सा फट पड़ा। सैकड़ों की संख्या में जमा हुए ग्रामीणों और रिश्तेदारों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और तोड़फोड़ की कोशिश की। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल देख हर किसी की आंखें नम हो गईं। अस्पताल का स्टाफ मौके से भाग निकला। बहादराबाद, सिडकुल और अन्य थानों की पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर भीड़ को नियंत्रित किया, जिससे बड़ा नुकसान टल गया।
यह घटना निजी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी को उजागर करती है। परिजनों की चीत्कार और उनका दर्द इस बात का सबूत है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की तत्काल आवश्यकता है। प्रशासन से मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी न हो।
हरिद्वार निजी अस्पताल में लापरवाही: दो प्रसूताओं की मौत, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल (हरिद्वार)-दीपक मौर्य
