हरिद्वार। ग्राम्य विकास विभाग की ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना, अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) के सहयोग से ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है। सशक्त बना रही है। मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती आकांक्षा कोण्डे के निर्देश पर जनपद के सभी विकासखंडों में अल्ट्रा-पुअर सपोर्ट और एंटरप्राइजेज की स्थापना की गई है। इस परियोजना ने लक्सर विकासखंड के कंकरखाता गांव की दिव्यांग बीना के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया। ‘महिला शक्ति’ स्वयं सहायता समूह की सदस्य बीना को आजीविका के लिए संघर्ष करना पड़ता था। परियोजना टीम ने उनकी स्थिति को समझकर प्रोविजन स्टोर शुरू करने में सहायता की। स्टोर की 39,500 की लागत में 35,000 ब्याज-मुक्त ऋण और 4,500 बीना के अंशदान से जुटाए गए। आज बीना इस स्टोर से प्रति माह 5000-8000 रुपये कमा रही हैं। जिससे वे अपने परिवार का भरण-पोषण सम्मानजनक ढंग से कर रही हैं। बीना की सफलता ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा है। ग्रामोत्थान परियोजना ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
इनसे सीखें : ग्रामोत्थान परियोजना से बीना को मिली आत्मनिर्भरता की नई राह, (हरिद्वार)-दीपक मौर्य-
