हरिद्वार। आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से जिले के निजी अस्पतालों के संचालकों ने एकजुट होकर महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शनिवार को नेशनल हाईवे के पास बहादराबाद में एक होटल में आयोजित बैठक में करीब 45 निजी अस्पताल संचालकों ने हिस्सा लिया और उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बैठक में आम नागरिकों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कई प्रस्ताव पारित किए गए।
बैठक में गर्भवती महिलाओं के प्रसव और विभिन्न ऑपरेशनों में मरीजों को सीधे लाभ पहुंचाने पर जोर दिया गया। विशेष रूप से, प्रसव के दौरान बिचौलियों को कमीशन देने की प्रथा को समाप्त करने का निर्णय लिया गया। डॉक्टरों का मानना है कि बिचौलियों को कमीशन देने से मरीजों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को कमजोर करता है। इसके अलावा, सभी निजी अस्पतालों के संचालकों और डॉक्टरों को एक मंच पर लाने का फैसला किया गया ताकि आम आदमी के हित में प्रभावी निर्णय लिए जा सकें।
बैठक में निजी अस्पतालों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा की जाने वाली कार्रवाइयों, जैसे किसी हताहत की स्थिति में अस्पताल को सील करना, पर भी नाराजगी व्यक्त की गई। डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग से सवाल किया कि वह झोलाछाप डॉक्टरों और फर्जी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करता, जो लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हैं। उनका कहना है कि वैध और नियमों का पालन करने वाले अस्पतालों को इन अवैध गतिविधियों के कारण अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इसके समाधान के लिए, हरिद्वार के निजी अस्पताल ‘हरिद्वार प्राइवेट हॉस्पिटल’ या ‘हरिद्वार डॉक्टर हॉस्पिटल एवं नर्सिंग होम एसोसिएशन’ के नाम से एक संगठन पंजीकृत करने पर विचार कर रहे हैं। इस संगठन के तहत एकजुट होकर अस्पताल संचालक जिला प्रशासन की कार्रवाइयों पर सवाल उठा सकेंगे और फर्जी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर सकेंगे। डॉक्टरों ने दावा किया कि इस पहल से गरीब वर्ग को सस्ती और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी। यह कदम हरिद्वार में स्वास्थ्य सेवाओं को और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस मौके पर डॉ. अश्वनी कुमार, डॉ. अखिलेश कुमार, डॉ. सुचित्रा, डॉ. दीपिका यादव, डॉ. उत्तम चौहान, डॉ. विशाल, डॉ. सुशील, डॉ. मनमोहन, डॉ. आकाश, डॉ अभिषेक, डॉ. शौर्य शर्मा, संजय कुमार आदि बड़ी संख्या में डॉक्टर्स मौजूद रहे।