संस्कृत विश्वविद्यालय विकास के पथ पर सवार,हरिद्वार गंगाद्वार और स्वर्गद्वार के समान-डॉ. रावत, (हरिद्वार)-अभिषेक हिरनवाल-

हरिद्वार । उच्च शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार के संकल्प को पूरा करने में उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय की भूमिका अहम है। विगत वर्षों में संस्कृत विश्वविद्यालय ने अनेक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य ही नहीं किया है बल्कि उत्तराखंड को संस्कृत के क्षेत्र में नयी पहचान दी है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में उत्तराखंड का युवा संस्कृत के क्षेत्र में देश में नई पहचान बनायेगा।

यह बात श्री रावत ने उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के अतिथिगृह का उदघाटन करने के दौरान कही। उन्होंने परीक्षा भवन, शिक्षाशास्त्री ( बीएड) भवन,अधिकारियों, प्रोफ़ेसरों और कर्मचारियों के आवास का भी शिलान्यास किया।उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षकों के लिए निकाली गयी विज्ञप्ति और शिक्षकों के प्रमोशन 50 दिन में करने के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सरकार की प्राथमिकता है कि युवाओं को रोज़गार मिले। मंत्री के रूप में मैंने 16 हज़ार शिक्षकों को नियुक्ति प्रदान किया है ।
इस दौरान उन्होंने कहा कि हरिद्वार को गंगाद्वार के रूप में भी जाना जाता है, और यह स्वर्गद्वार के समान है। संस्कृत शिक्षा और अध्ययन के लिए हरिद्वार एक महत्वपूर्ण केंद्र है। संस्कृत को प्राचीन ज्ञान और भारतीय परंपरा का प्रतीक माना जाता है, और यह विश्व की सबसे प्राचीन और समृद्ध भाषाओं में से एक है इसलिए समस्त उत्तराखंडवासियों का दायित्व है कि संस्कृत भाषा को सर्वोपरि स्थान दें।
श्री रावत ने विश्वविद्वालय के मुखिया प्रोफेसर डॉ. दिनेश चन्द्र शास्त्री से विश्वविद्वालय में शिक्षण व्यवस्था में आ रही परेशानियों के संबंध में विस्तृत चर्चा की और उन्हे दूर करने के आश्वासन दिया। शिक्षा मंत्री श्री रावत ने विश्वविद्वालय के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी से भी विश्वविद्यालय के विकास पर गहन मंत्रणा की।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर शास्त्री ने श्री रावत के विश्वविद्यालय में हो रहे विकास के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा की अब हम सुदृढ़ हो रहे हैं और आने वाले समय में प्रदेश ही नहीं देश में हमारी अलग पहचान बनेगी। कुलपति श्री शास्त्री ने माननीय शिक्षा मंत्री जी का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम में भाजपा ज़िलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय में हो रहे विकास पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय आने वाले समय में अपनी वैश्विक पहचान बनाने में सफल होगा ऐसा मेरा विश्वास है ।कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ० लक्ष्मी नारायण जोशी के द्वारा किया गया और अंत में कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने उपस्थित सभी का आभार व्यक्त किया ।इस दौरान निर्माण इकाई परियोजना प्रभारी रावत, डीन डॉ. कामाख्या कुमार, डॉ.अरविंद मिश्र, पत्रकारिता विभाग प्रभारी डॉ. उमेश शुक्ल, दिनेश राना , डॉ. मनोज कुमार पंत सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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