हरिद्वार। उत्तराखंड राज्य कर मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन के आह्वान पर मंगलवार को रोशनाबाद स्थित राज्य कर कार्यालय में मिनिस्टीरियल कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर अपनी 10 सूत्रीय मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया। यह आंदोलन लगातार नौवें दिन भी जारी रहा, जिसमें कर्मचारियों ने ढांचे के पुनर्गठन सहित लंबित मांगों पर शासन की उदासीनता के खिलाफ पुरजोर विरोध दर्ज किया। यह प्रदर्शन राज्य कर विभाग के सभी कार्यालयों में एक साथ किया गया।
उत्तराखंड में राज्य कर विभाग राजस्व का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा जुटाता है, फिर भी कर्मचारियों के संरचनात्मक ढांचे का पुनर्गठन 2006 के बाद से नहीं हुआ। इसके विपरीत, अधिकारियों के ढांचे का 2006-07, 2014-15 और 2024-25 में तीन बार पुनर्गठन हुआ, जिसमें 35 प्रतिशत वृद्धि के साथ 481 पद स्वीकृत किए गए। वहीं, कर्मचारियों के कुल स्वीकृत पद 777 ही हैं, जो 20 वर्षों से अपरिवर्तित हैं। जीएसटी लागू होने के बाद पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 1 लाख से बढ़कर 2.13 लाख हो गई, जिससे कर्मचारियों पर कार्यभार बढ़ा और मानसिक दबाव बना।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में ढांचे का पुनर्गठन, अधिकारियों की नई नियमावली, समय पर पदोन्नति, परित्याग नियमावली से मुक्ति और आवास व्यवस्था शामिल हैं। एसोसिएशन की हरिद्वार शाखा के अध्यक्ष अजयपाल और शाखा मंत्री देवेंद्र रावत ने चेतावनी दी कि यदि 16 अक्टूबर तक मांगें नहीं मानी गईं, तो 17 अक्टूबर को सभी कार्यालयों में 11 से 12 बजे तक गेट मीटिंग की जाएगी। आंदोलन में राजीव यादव, अजय यादव, सविता रावत, प्रीति सिंह, मोहित चौहान, मुकेश मुरारी, तारा कार्की, अमित सागर, कुलदीप चौहान, सचिन कुमार, सुमित, शमशेर, अमित, वतन भारती आदि शामिल रहे।
राज्य कर मिनिस्टीरियल कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध प्रदर्शन, आगे की रुपरेखा तैयार, (हरिद्वार)-दीपक मौर्य-
