भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की और से सार्वजनिक किए गए विवरण-आंकड़ों से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। चुनावी बांड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों की लंबी लाइन है। जिस कंपनी के खिलाफ वर्ष 2022 में प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन के आरोप में जांच की थी, उस कंपनी ने 1350 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदा दिया। राष्ट्रीय हिंदी अखबार हिन्दुस्तान ने लिया है कि दान पाने वालों में भाजपा, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडी-एस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, आप, राजद, समाजवादी पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, बीजेडी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जेएमएम, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट और अन्य पार्टी शामिल शामिल हैं।
सुप्रसिद्ध और हिंदी अखबार हिन्दुस्तान ने अपने लेख प्रकाशित कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर एसबीआई ने कहा था कि 1 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2014 के बीच विभिन्न मूल्यवर्ग के कुल 22,217 चुनावी बांड जारी किए गए। इनमें से 22,030 को राजनीतिक दलों ने भुना लिया था। सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद बैंक ने चुनावी बांड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों की सूची आयोग को मुहैया कराई है।