HARIDWAR _NEWS कभी जूते और जर्सी के लिए संघर्ष करने वाली महिला हॉकी खिलाड़ी आज राष्ट्रीय खेलों में खेलने के बाद संन्यास की पोस्ट फेसबुक पर डालकर लोगों को आश्चर्य में डाल दिया है। कभी संघर्ष की आग में तप कर सोना कुंदन बनी वंदना कटारिया ने गांव और प्रदेश ही नहीं देश का नाम भी रोशन किया। वंदना कटारिया अर्जुन पुरस्कार, पद्मश्री और राष्ट्रपति समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी है। वंदना कटारिया पहली ऐसी महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने 320 मैच खेलकर 158 गोल किए हैं। वंदना कटारिया ने कहा कि हॉकी हॉकी टीम और खेल के साथ ही एक परिवार हरिद्वार में भी है दोनों परिवारों के बारे में सोने के बाद ही उन्होंने सन्यास का फैसला लिया हैवंदना कटारिया एक भारतीय महिला फील्ड हॉकी खिलाड़ी हैं। जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में हैट्रिक लगाकर इतिहास रचा था और वे ओलंपिक में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी बनीं।अंतर्राष्ट्रीय महिला हॉकी खिलाड़ी और पद्मश्री सम्मानित वंदना कटारिया ने मंगलवार सुबह अपने फेसबुक पेज पर इंटरनेशनल खेल से सन्यास लेने की जानकारी दी। फेसबुक पेज पर ही तत्कालीन जिलाधिकारी दीपक रावत समेत कई लोगों ने अग्रिम शुभकामनाएं दी। तो कई लोगों ने इसको गलत कदम बताया।वंदना कटारिया ने स्पष्ट किया कि वह इंटरनेशनल खेल से ही संन्यास लेने का मन बना रही है लेकिन डोमेस्टिक और लीग टूर्नामेंट खलती रहेगी क्योंकि वह हॉकी खिलाड़ी होने के साथ-साथ आने वाली हॉकी टीम का उत्साहवर्धन भी करती रहेगी ताकि आने वाली टीम का मनोबल और ज्यादा बढ़े। वंदना कटारिया ने कहा कि जो प्लेयर आ रहे हैं उनको भी मौका मिलना चाहिए उन्हें आगे के लिए कैसे सेट करेंगे। उनका उत्साह वर्धन होगा। कहा कि ऐसा भी नहीं है कि वह खेलने के लिए फिट नहीं है। पूरी तरह फिट हैं। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा डिसीजन देने के बाद वह खुद पर भी विश्वास नहीं कर रही है। हालांकि वंदना कटारिया का कहना है कि उनके ऊपर ऐसा किसी तरह का दबाव भी नहीं है, कि वह इंटरनेशनल खेल को छोड़ दें।
ओलंपिक में हैट्रिक लगा, इतिहास रचने वाली पहली अंतररास्ट्रीय भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया का हॉकी से संन्यास, (हरिद्वार)-पूजा सिंह-
