हमें सदैव अपने माता-पिता बुजुर्गों और गुरूओं का सम्मान करना चाहिए, जो एक छात्र की दशा और दिशा दोनों संवारने में सहयोग करते हैं। डॉ. मेघराज सिंह (हरिद्वार)-दीपक मौर्य-

हरिद्वार। समाज और शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय योगदान देने पर तीन शिक्षकों को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। यह उपाधि हर उस व्यक्ति को समम्मान दी जाती है जो सामाजिक समरसता और ज्ञान विज्ञान को बारीकी से जानकर आखिरी छोर पर बैठे हर व्यक्ति को ज्ञान और संस्कार की जानकारी देता हो। बता दें कि मैजिक एंड आर्ट यूनिवर्सिटी फरीदाबाद के द्वारा महानगर रुड़की के शिक्षकों डा. मेघ राज सिंह, डा. जीतपाल सिंह एवं डा. अशोक पाल सिंह को एक समारोह के दौरान डाक्ट्रेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। आज महानगर के समाजसेवियों सचिन गुप्ता, उदय सिंह पुंडीर, हेमेंद्र चौधरी, पूर्व सांसद लोकसभा क्षेत्र हरिद्वार राजेंद्र कुमार बाडी, पंकज सोनकर, शकील अहमद एवं ऋतु कंडियाल आदि ने एक स्थानीय होटल सचिन इण्टनेशनल में इनके सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें डा. मेघ राज सिंह, डा. जीतपाल सिंह और डा. अशोक पाल सिंह को माल्यार्पण व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। महानगर रुड़की के वरिष्ठ समाजसेवी सचिन गुप्ता ने कहा कि ऐसे शिक्षकों से प्रेरणा और इनके अनुभव लेकर शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाया जा सकता है मुझे शिक्षा के क्षेत्र में एवं सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सम्मानित करते हुए बड़ी खुशी की अनूभूति हो रही है। तो वहीं उदय सिंह पुंडीर ने कहा आज आपको सम्मानित करते हुए मुझे अपने पूर्व शिक्षकों की याद ताजा हो गई। जिन्होंने मुझे पढ़ाया और आगे बढ़ने की राह दिखाई। पूर्व सांसद लोकसभा क्षेत्र हरिद्वार राजेन्द्र कुमार बाड़ी, पंकज सोनकर, शकील अहमद, ऋतु कंडियाल तथा हेमेंद्र चौधरी ने संयुक्त रूप से सभी को शुभकामनाएं दी और कहा कि भविष्य में भी आप इसी तरह छात्रों और युवाओं को एक नई दिशा देंगे। जिसका लाभ लेकर वे अपने भविष्य को संवार सकें। डॉ मेघ राज सिंह ने बताया हमें सदैव अपने माता-पिता बुजुर्गों और गुरूओं का सम्मान करना चाहिए क्योंकि वो ही हमारे जीवन में भविष्य को संवारने के लिए दिशा और दशा तय करने में सहायक होते हैं। कुछ इनमें से हमारे प्रेरणा स्रोत होते हैं जिनसे प्रेरणा लेकर अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं मनुष्य जन्म से लेकर मृत्यु पर्यन्त प्रतिदिन कुछ न कुछ सीखता है किसी से प्रेरणा लेकर तो किसी को अपना आदर्श मानते हुए। उन्होंने व्यक्तित्व के धनी रुप सिंह दधेरा, मोदीमल तेगवाल, योगराज सिंह, त्रिलोकी नाथ व देशराज कटारिया को अपना आदर्श बताया है। डॉ जीत पाल सिंह का कहना है कि जीवन में बिना संघर्ष के कुछ नहीं मिलता इसलिए हमें सदैव संघर्ष करते रहना चाहिए। और कहा कि शिक्षा ही वह माध्यम है। जो भविष्य के द्वार खोलती है। इसीलिए हमें अपने बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए सदैव उनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

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